एक वोह दिन था जब आए थे,
कितने भोले भाले से हम थे।
घबराए से तब हम थे,
बहकाए से तब हम थे।
कितने भोले भाले से हम थे।
घबराए से तब हम थे,
बहकाए से तब हम थे।
फुसफुसा कर बातें करते थे,
सर झुकाकर चलते थे।
छुट्टियों में थे कुछ मुस्कुराए,
हाँ! फ्रेशर्स मैं चिल्लाए थे।
सर झुकाकर चलते थे।
छुट्टियों में थे कुछ मुस्कुराए,
हाँ! फ्रेशर्स मैं चिल्लाए थे।
तब आगे के बेंचों की होड़ थी,
और असाइनमेंट्स की जोर थी,
कैसे हाथ खड़े कर देते थे,
अटेंडेंस पर मर देते थे।
और असाइनमेंट्स की जोर थी,
कैसे हाथ खड़े कर देते थे,
अटेंडेंस पर मर देते थे।
वोह सीनियर्स की तीखी नजरें,
और उस पर सी●एस● की काजल के नखरे,
वोह ड्यू-डेट से पहले असाइनमेंट देना,
और viva मे चुप रहना।
और उस पर सी●एस● की काजल के नखरे,
वोह ड्यू-डेट से पहले असाइनमेंट देना,
और viva मे चुप रहना।
एक वोह दिन था जब आए थे,
कितने भोले भाले से हम थे।
घबराए से तब हम थे,
बहकाए से तब हम थे।
कितने भोले भाले से हम थे।
घबराए से तब हम थे,
बहकाए से तब हम थे।
वोह रिजल्ट से एक रात पहले दर मे पीना,
और वोह रिजल्ट की रात गम मे पीना,
वोह दोस्तों के आल-क्लियर होने से जलना,
पर अब करना भी तोह क्या करना।
और वोह रिजल्ट की रात गम मे पीना,
वोह दोस्तों के आल-क्लियर होने से जलना,
पर अब करना भी तोह क्या करना।
खैर सेकंड इयर मे गए हम,
सीनियर्स भी कहलाए हम।
सुना है सी●एस● मे नई काजल आई है,
भाई, तभी तोह सुबह की सैर लगाई है।
वोह लव-अफेयर्स, वोह ब्रेक-अप-
सब देख लिए हमने,
वोह कोर्रिडोर्स, वोह रूफ-टॉप्स-
सब हो लिए हमने।
सीनियर्स भी कहलाए हम।
सुना है सी●एस● मे नई काजल आई है,
भाई, तभी तोह सुबह की सैर लगाई है।
वोह लव-अफेयर्स, वोह ब्रेक-अप-
सब देख लिए हमने,
वोह कोर्रिडोर्स, वोह रूफ-टॉप्स-
सब हो लिए हमने।
एक वोह दिन था जब आए थे,
कितने भोले भाले से हम थे।
घबराए से तब हम थे,
बहकाए से तब हम थे।
कितने भोले भाले से हम थे।
घबराए से तब हम थे,
बहकाए से तब हम थे।
जब हम कोर इंजीनियरिंग मे पहुचे तो थोड़े थक चुके थे,
बहनो से लैस, और कॉलेज मे तीन साल के हो चुके थे।
अब तोह हॉस्टल से फ्लैट ले चुके थे,
कॉउंट्री करके बाइक ले चुके थे।
बहनो से लैस, और कॉलेज मे तीन साल के हो चुके थे।
अब तोह हॉस्टल से फ्लैट ले चुके थे,
कॉउंट्री करके बाइक ले चुके थे।
खैर Y.B से बचे रहे, U.F.M से छुपे रहे,
थोडा सोने मे वयस्त रहे और उधारी से घिरे रहे।
VIVA मे सटासट बोले,
और सोच रहे थे स्टार्टअप खोलें।
थोडा सोने मे वयस्त रहे और उधारी से घिरे रहे।
VIVA मे सटासट बोले,
और सोच रहे थे स्टार्टअप खोलें।
अब तोह हाथ मे कॉपी लहराते थे,
और जीन्स मे कॉलेज जाते थे।
लेट नाईट मूवीज देखते थे,
और लेक्चर मे लेट हो जाते थे।
और जीन्स मे कॉलेज जाते थे।
लेट नाईट मूवीज देखते थे,
और लेक्चर मे लेट हो जाते थे।
एक वोह दिन था जब आए थे,
कितने भोले भाले से हम थे।
घबराए से तब हम थे,
बहकाए से तब हम थे।
कितने भोले भाले से हम थे।
घबराए से तब हम थे,
बहकाए से तब हम थे।
जा अंतिम चरण मे दाखिल हुए,
तोह बड़े जोशीले से हम थे।
टूर्नामेंट्स कई जीते थे,
सारे कॉलेज मे फेमस हम थे।
तोह बड़े जोशीले से हम थे।
टूर्नामेंट्स कई जीते थे,
सारे कॉलेज मे फेमस हम थे।
यारो की टोली हमे सब कहते थे,
एक रौबीला समां हम साथ लिए चलते थे।
अब तोह viva मे हम छाते थे,
आर्गुमेंट भी कर जाते थे।
एक रौबीला समां हम साथ लिए चलते थे।
अब तोह viva मे हम छाते थे,
आर्गुमेंट भी कर जाते थे।
बस कुछी दिनों मे अब सब बिछड जाएंगे,
नजाने फिर कब कहाँ मिल पाएंगे।
ऐसे सुनहरे प्यारे दिन,
अब कहाँ लौट कर आएँगे।
नजाने फिर कब कहाँ मिल पाएंगे।
ऐसे सुनहरे प्यारे दिन,
अब कहाँ लौट कर आएँगे।
एक वोह दिन था जब आए थे,
कितने भोले भाले से हम थे।
घबराए से तब हम थे,
बहकाए से तब हम थे।
कितने भोले भाले से हम थे।
घबराए से तब हम थे,
बहकाए से तब हम थे।
*इस कविता पर बनी विडियो: https://www.youtube.com/watch?v=9lExDVuzWuo
Poem took me back to college memories... Really good one
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